Zinda
Somehow I cannot stop listening to this song.
बजाए प्यार की शबनम मेरे गुलिस्तां में
बरसते रहते हैं हर सिम्ट मौत के साए
स्याहियों से उलझ पडती है मेरी आँखें
कोई नहीं .... कोई भी नहीं जो बतलाए
मैं कितनी देर उजालों की राह देखूँगा
कोई नहीं ... है कोई भी नहीं
न पास न दूर
एक प्यार है
दिल की धड़कन
अपनी चाहत का जो एलान किए जाती है
ज़िन्दगी है जो जिए जाती है
खून के धूँट पिए जाती है
ख्वाब आँखों से सिए जाती है
बजाए प्यार की शबनम मेरे गुलिस्तां में
बरसते रहते हैं हर सिम्ट मौत के साए
स्याहियों से उलझ पडती है मेरी आँखें
कोई नहीं .... कोई भी नहीं जो बतलाए
मैं कितनी देर उजालों की राह देखूँगा
कोई नहीं ... है कोई भी नहीं
न पास न दूर
एक प्यार है
दिल की धड़कन
अपनी चाहत का जो एलान किए जाती है
ज़िन्दगी है जो जिए जाती है
खून के धूँट पिए जाती है
ख्वाब आँखों से सिए जाती है